या फिर लता जी के स्वर में " जय राम रमा रमनं शमनं" सुनें-
तो मित्रों, ये तो रही तोटक की बात। आइये अब इस तोटक को पढ़िये और बताइये मेरी कोशिश कैसी रही-
जग का सुख-वैभव-सार नहीं
अथवा धन-राशि अपार नहीं
मत दो यश का वरदान मुझे
जननी! मत दो पद, मान मुझे
इतनी बस मातु कृपा करना
मन के सब पाप सदा हरना
मुख में शुभ-शब्द निवास करे
उर में नित ज्ञान प्रकाश करे
परकारज प्राण भले निकले
पग सत्पथ से न कभी विचले
हिय में निज भक्ति-सुधा भर दो
अयि देवि! मुझे इतना वर दो
अथवा धन-राशि अपार नहीं
मत दो यश का वरदान मुझे
जननी! मत दो पद, मान मुझे
इतनी बस मातु कृपा करना
मन के सब पाप सदा हरना
मुख में शुभ-शब्द निवास करे
उर में नित ज्ञान प्रकाश करे
परकारज प्राण भले निकले
पग सत्पथ से न कभी विचले
हिय में निज भक्ति-सुधा भर दो
अयि देवि! मुझे इतना वर दो
14 comments:
अच्छी पोस्ट .. वसंत पंचमी की शुभकामनाएं !!
बहुत बढ़िया, बेहतरीन.
बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ.
नये ढंग की प्रस्तुति । दोनों वीडियो अच्छे रहे ।
और आपका तोटक तो लाजवाब !
सुन्दर प्रार्थना-गीत । आभार ।
सुंदर प्रार्थना, शुभकामनाएं.
रामराम.
vasant parv ki anant shubhkaamnaaen. trotak ka nirvaah aur bhav donon khoobsoorat hain.
मुख में शुभ-शब्द निवास करे
उर में नित ज्ञान प्रकाश करे
परकारज प्राण भले निकले
पग सत्पथ से न कभी विचले
हिय में निज भक्ति-सुधा भर दो
अयि देवि! मुझे इतना वर दो
ise to subah ki prarthana me shamil kiya jaa skat hai...!!
इतनी बस मातु कृपा करना
मन के सब पाप सदा हरना
मुख में शुभ-शब्द निवास करे
उर में नित ज्ञान प्रकाश करे ..
सुंदर प्रार्थना ....... आपको वसंत पंचमी की बहुत बहुत शुभकामनाएँ .........
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
बहुत बहुत आभार .............
aapki rachnaa ko
aapki lekhanee ko
aur
aapko
naman .
अति सुंदर भजन लगे दोनो, ओर यह तोटक क्या है हमे नही पता, क्या आप बतायेगे?क्योकि बहुत सी चीजे हम भुल से गये है
बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ.
तोहट...अब तुम्हें भी गुरु बनाना पड़ेगा मुझे।
तोटक अच्छा है,
"इतनी बस मातु कृपा करना
मन के सब पाप सदा हरना
मुख में शुभ-शब्द निवास करे
उर में नित ज्ञान प्रकाश करे "
के तो क्या कहने..................
रवि सच में जब माँ सरस्वती स्वयं कलम में बिराजती हैं तो ऐसी ही रचनाएँ जन्म लेती हैं...क्या कहूँ...अभिभूत हूँ...लिखते रहो...खुश कर दिया आपने...
नीरज
कुछ भी कह्पाने के लायक नहीं हूँ... तोटक पर... आपकी लेखनी .. एक गहरी सांस ले लेता हूँ इस बात पर ... :):)
अर्श
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