सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें। इस अवसर पर सुनिये एक पुराना गीत जिसे फ़िर से स्वर दिया है लोकगायक मनोज तिवारी ने। गीत बटोही (राहगीर) को संबोधित है और शब्द आसानी से समझ में आने योग्य हैं। अपनी राय से जरूर अवगत करायें।
Tuesday, January 26, 2010
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5 comments:
आराम से घर पर सुनने वाला गीत है .......... घर पर सुनूँगा ....आपको गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई ....
kuchh dikh nahi rahaa kuchh pareshaani hai kya ...?
arsh
रवि भाई अब जाके सुन पैनी हा ई मीठ गीत मनोज तिवारी के आवाज़ म इ
सुबहे से बेचैनी रहे की का कैल जावो मगर जे तरीका से बटोही शब्द के उछारण कैल जाता यह सुघर गीत में मन के मोह लेता , ऐसन लागता के अपना घरे बानी ...
मन और ब्याकुल हो गईल ये भाई साहेब का करीं ....
आभार कह के मन नइखे करत एह एहसान के कर्जा चुकवे के ..
बस तोहरे
अर्श
गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाऎँ
चलिये अब सुनते है
मनोज तिवारी मृदुल...मेरा प्रिया गायक...आहहा, किंतु सुन नहीं पा रहा हूं। नेट की कच्छप गति साथ नहीं दे रही। हो सके तो मेल में भेजना जो mp3 हो।
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