सुना है के मुहबबत में अजब ये काम होता है
लबों पर हर घड़ी केवल उसी का नाम होता है
न आती नींद रातों को, न मिलता चैन है दिन को
हुआ गर इश्क फ़िर यारों कहां आराम होता है
इधर सच बोलता है वो उधर प्याला जहर का है
हर इक युग में यही सुकरात का अंजाम होता है
बड़ी तकलीफ़ होती है कलेजा मुंह को आता है
सरे बाज़ार जब कोई हुनर नीलाम होता है
नहीं कुछ पाप सत्ता को, नियम उसपर नहीं चलता
करे वो क़त्ल भी तो वो भी पावन काम होता है
जला दो इस व्यवस्था को जहां इतनी विषमता है
सुबह रोटी कहीं दुर्लभ कहीं बादाम होता है
मुझे मंदिर से क्या लेना मुझे माला से क्या मतलब
मिरा दिल खुद ही मधुबन है जहां पर श्याम होता है
मिरी खुशकिस्मती पर क्यों नहीं हो रश्क दुनिया को
गली में यार की क्या हर कोई बदनाम होता है
सियासत की मिरे भाई बड़ी उल्टी कहानी है
बड़ा वो ही है जिसके सर बड़ा इल्ज़ाम होता है
(१२२२ x ४)
लबों पर हर घड़ी केवल उसी का नाम होता है
न आती नींद रातों को, न मिलता चैन है दिन को
हुआ गर इश्क फ़िर यारों कहां आराम होता है
इधर सच बोलता है वो उधर प्याला जहर का है
हर इक युग में यही सुकरात का अंजाम होता है
बड़ी तकलीफ़ होती है कलेजा मुंह को आता है
सरे बाज़ार जब कोई हुनर नीलाम होता है
नहीं कुछ पाप सत्ता को, नियम उसपर नहीं चलता
करे वो क़त्ल भी तो वो भी पावन काम होता है
जला दो इस व्यवस्था को जहां इतनी विषमता है
सुबह रोटी कहीं दुर्लभ कहीं बादाम होता है
मुझे मंदिर से क्या लेना मुझे माला से क्या मतलब
मिरा दिल खुद ही मधुबन है जहां पर श्याम होता है
मिरी खुशकिस्मती पर क्यों नहीं हो रश्क दुनिया को
गली में यार की क्या हर कोई बदनाम होता है
सियासत की मिरे भाई बड़ी उल्टी कहानी है
बड़ा वो ही है जिसके सर बड़ा इल्ज़ाम होता है
(१२२२ x ४)
10 comments:
Waah !! Sundar gazal ! Badhai.!!
मुझे मंदिर से क्या लेना मुझे माला से क्या मतलब
मेरा दिल खुद ही मधुबन है जहां पर श्याम होता
लाजवाब!
नहीं कुछ पाप सत्ता को, नियम उसपर नहीं चलता
करे वो क़त्ल भी तो वो भी पावन काम होता है
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सियासत की मिरे भाई बड़ी उल्टी कहानी है
बड़ा वो ही है जिसके सर बड़ा इल्ज़ाम होता है
-अहा!! वाह!! बहुत खूब रवि भाई..आनन्द आ गया.
आहा..रवि भाई...क्या शेर गढ़े हो हुजूर!
"मिरी खुशकिस्मती पर क्यों नहीं हो रश्क दुनिया को
गली में यार की क्या हर कोई बदनाम होता है"
भई वाह !
और आखिरी शेर एकदम अलग से खड़ा होकर दाद चाह रहा है....
इधर सच बोलता है वो उधर प्याला जहर का है
हर इक युग में यही सुकरात का अंजाम होता है
मुझे मंदिर से क्या लेना मुझे माला से क्या मतलब
मिरा दिल खुद ही मधुबन है जहां पर श्याम होता है
वाह रवि भाई...वाह...क्या शेर कहें हैं...सुभान अल्लाह...गुरुदेव की कृपा यूँ ही आप पर बनी रहे...
नीरज
इधर सच बोलता है वो उधर प्याला जहर का है
हर इक युग में यही सुकरात का अंजाम होता है
sahi kaha ...sadha kaha..khoob kaha...!!!!!
सच आप बहुत ही सुन्दर शेर लिखते है। किस पर अपनी उंगली रखो ? सभी कमाल के है।
आपकी गजल वाकई... दिल को छू जाती है...
बहुत उम्दा किस्म के शेरों के लिये आपकी बधाई...
वीनस केसरी
RAVI BHAEE BAH'RE HAJAJ MUSMAN SAALIM PE KYA KHUB SHE'R NIKAALE HAI AAPNE...BAHOT HI SHAANDAARI...
AB IS SHE'R KO DEKHE.. KYA BHAAV DIYA HAI AAPNE..BAHOT HI UMDAA SHE'R HAI YE ..
मिरी खुशकिस्मती पर क्यों नहीं हो रश्क दुनिया को
गली में यार की क्या हर कोई बदनाम होता है
AUR IS SHE'R KYA KAHANE KHUB ME SAARI KI SAARI BATEN BAYAAN KARTI HUI...
सियासत की मिरे भाई बड़ी उल्टी कहानी है
बड़ा वो ही है जिसके सर बड़ा इल्ज़ाम होता है
DHERO BADHAAYEE APKO AUR GURU DEV KO SAADAR PRANAAM KAHEN...
ARSH
जला दो इस व्यवस्था को जहां इतनी विषमता है
सुबह रोटी कहीं दुर्लभ कहीं बादाम होता है
वाह वाह क्या बात है हर शॆर एक से बढ कर एक, आप का चित्र देख कर लगता है आप की उम्र ज्यादा नही, लेकिन आप का लेख ओर आप के शेर बहुत कुछ कहते है,
धन्यवाद
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