(कहते हैं भगवान कृष्ण के छूने से कुब्जा का कूबड़ ठीक हो गया था। लड़खड़ाती हुई ये गजल गुरूदेव श्री पंकज सुबीर जी के छूने से ठीक होकर कहने लायक हो पाई है।)
कातिल हमको समझाते हैं हथियारों की बात न करिये
आग लगानेवाले कहते अंगारों की बात न करिये
बिन दीपक कैसी दीवाली ईद बिना सेंवइयों के क्या
ठंडा है चूल्हा दो दिन से त्यौहारों की बात न करिये
पहना कर सच के कपड़े ये झूठ परोसा करते हैं बस
हमको सब मालूम है हमसे अखबारों की बात न करिये
सूरज मुट्ठी में रखते हैं जब चाहे नीलाम करें ये
गिरवी है आकाश यहाँ चंदा तारों की बात न करिये
बम फटते हों आगजनी हो या फ़िर दंगो की बातें हों
लंबी ताने सोयें साहब, हुंकारों की बात न करिये
निश्छल प्रेम जहाँ मिलता है उस दर पे सज़दे करता हूँ
मंदिर मस्जिद गिरिजाघर इन बाजारों की बात न करिये
तेरा मेरा इसका उसका जीना है क्या सिर्फ़ यही बस
दिल से दिल को दूर करे जो दीवारों की बात न करिये
7 comments:
रवि भाई...क्या बात है...लाजवाब गज़ल
बस कहने के लिये नहीं कह रहा,बेमिसाल है ये...कमब्ख्त ढ़ंग से तारीफ तक नहीं कर पा रहा हूं...एक तो ऊपर गुरू जी द्वारा गज़ल को संवारने को आपने इतना अच्छा कह बताया है कि मैं नत-मस्तक हो गया और तिस पे इतनी जबरदस्त गज़ल.
एक से बढ़ कर एक काफ़िये और एक मुश्किल सी रदीफ़...
सूरज मुट्ठी में रखते हैं जब चाहे नीलाम करें ये
गिरवी है आकाश यहाँ चंदा तारों की बात न करिये
भई वाह !!!
निश्छल प्रेम जहाँ मिलता है उस दर पे सज़दे करता हूँ
मंदिर मस्जिद गिरिजाघर इन बाजारों की बात न करिये
वाह जनाब, क्या बात कही!!!
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http://prajapativinay.blogspot.com/
रविकांत जी बहोत खूब हक़ अदा करा है आपने और जहाँ गुरु पंकज सुबीर जी का साक्षात् आशीर्वाद हो तो फ़िर क्या कहने
आप धन्य है जो एसा गुरु का आशीर्वाद मिला ,आप पे लेखनी की असीम कृपा है ... आप धन्य है और सौभाग्यशाली भी .... निरंतर प्रयास रहे ढेरो बधाई और साधुवाद आपको....
अर्श
वाह ..वाह.. वाह ..वाह..! क्या बा है रवि जी...! हर शेर उम्दा....! बस बधाइयाँ..बधाइयाँ..!
निश्छल प्रेम जहाँ मिलता है उस दर पे सज़दे करता हूँ
मंदिर मस्जिद गिरिजाघर इन बाजारों की बात न करिये
" very good thoughts, and wonderfull expressions, liked it ya"
regards
आपको तथा आपके पुरे परिवार को नव्रर्ष की मंगलकामनाएँ...साल के आखिरी ग़ज़ल पे आपकी दाद चाहूँगा .....
अर्श
"नव वर्ष २००९ - आप सभी ब्लॉग परिवार और समस्त देश वासियों के परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "
regards
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