tag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post9066230473470906023..comments2023-11-05T13:49:36.851+05:30Comments on कुछ शब्द: बंधन, जो मुक्ति का एहसास दिलाते हैंरविकांत पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-53342478547423567472009-08-11T21:50:35.641+05:302009-08-11T21:50:35.641+05:30हृदय यज्ञ-वेदी सा पावन, भावों की नित समिधाएँ हैं
आ...हृदय यज्ञ-वेदी सा पावन, भावों की नित समिधाएँ हैं<br />आहुति देकर जड़ताओं की अर्थहीन को क्षार किया है<br /><br />बहुत सुन्दर भावः भरी कविता...आनंद आगया..तारीफ़ तो गौतम भाई ने पहले ही कर दी है...हम कहते है सहमत है...प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-31972899969122759342009-08-08T21:41:03.502+05:302009-08-08T21:41:03.502+05:30रवि, शब्द छोटे पड़ेंगे जो कुछ कहना चाहुँ तारीफ़ में....रवि, शब्द छोटे पड़ेंगे जो कुछ कहना चाहुँ तारीफ़ में...<br />एक और "गोपालदास नीरज" उभरता दिखता है इस गीत में...गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-25080380027200494352009-08-08T17:36:07.125+05:302009-08-08T17:36:07.125+05:30हृदय यज्ञ-वेदी सा पावन, भावों की नित समिधाएँ हैं
आ...हृदय यज्ञ-वेदी सा पावन, भावों की नित समिधाएँ हैं<br />आहुति देकर जड़ताओं की अर्थहीन को क्षार किया है<br /><br />VAAH KYAA GEET HAI.... HREAY KO JHANJHODTA HUVA, ULAAS BHARTA LAJAWAAB GEET,,,,, BADHAAI HO RAVI JI IS GEET KE LIYE...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-81872706405113732332009-08-06T21:44:03.322+05:302009-08-06T21:44:03.322+05:30बहुत सुंदर गीति-रचना पांडे जी और हां पिछली पोस्ट म...बहुत सुंदर गीति-रचना पांडे जी और हां पिछली पोस्ट में पाठशाला की तरह वाला शेर गजब है भाई वाह....योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-62577582177558920772009-08-06T21:44:00.363+05:302009-08-06T21:44:00.363+05:30बहुत सुंदर गीति-रचना पांडे जी और हां पिछली पोस्ट म...बहुत सुंदर गीति-रचना पांडे जी और हां पिछली पोस्ट में पाठशाला की तरह वाला शेर गजब है भाई वाह....योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-4369310802057357252009-08-06T16:39:38.969+05:302009-08-06T16:39:38.969+05:30बहुत सुन्दर रचना, रविकांत जी!बहुत सुन्दर रचना, रविकांत जी!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-7714613929778726142009-08-06T12:23:12.127+05:302009-08-06T12:23:12.127+05:30पर यदि बंधन स्नेहयुक्त हो, तो, हंसकर स्वीकार किया ...पर यदि बंधन स्नेहयुक्त हो, तो, हंसकर स्वीकार किया है<br /><br />वाह..पूरी कविता का सार हो जैसे...!<br /><br />रजनीगंधा फिल्म के शीर्षक गीत की पंक्तियाँ<br /><br />मैं जब से उनक साथ बँधी, <br />ये भेद तभी जना मैने,<br />कितना सुख है बंधन में...!<br /><br />इन्ही भावों पर हैं शायद और मुझे बहत पसंद भी....!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-17447333005712185422009-08-05T23:34:21.227+05:302009-08-05T23:34:21.227+05:30सुंदर रचनाएँ।
रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
विश...सुंदर रचनाएँ।<br />रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!<br />विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-70015577934477106192009-08-05T19:11:17.316+05:302009-08-05T19:11:17.316+05:30bahut khoob bhai........
गायक हूं मैं क्रांति-गीत...bahut khoob bhai........<br /><br />गायक हूं मैं क्रांति-गीत का, शब्दों से अलख जगाता हूं<br />भर-भरकर गीतों में ज्वाला, जगती में प्रलय मचाता हूं<br />बोझ हटाता हूं माथे से, जीर्ण-शीर्ण सब संस्कारों के<br />स्वागत में फिर तरुणाई के, निज श्रद्धा-सुमन चढ़ाता हूं<br /> ____________yahi urja bani rahe......<br />badhaai !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-91257273253819674512009-08-05T18:08:52.672+05:302009-08-05T18:08:52.672+05:30पूरा गीत ही बहुत शानदार है लेकिन ये
-बंधन में है म...पूरा गीत ही बहुत शानदार है लेकिन ये<br />-बंधन में है मुक्ति समाहित, और मुक्ति में भी बंधन है<br />क्या बात है बहुत बढिया है. यूं ही लिखते रहो भाई.संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/04495238607820943010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-28513337392112026982009-08-05T17:19:30.691+05:302009-08-05T17:19:30.691+05:30हृदय यज्ञ-वेदी सा पावन, भावों की नित समिधाएँ हैं
आ...हृदय यज्ञ-वेदी सा पावन, भावों की नित समिधाएँ हैं<br />आहुति देकर जड़ताओं की अर्थहीन को क्षार किया है<br /><br />-वाह रवि, अद्भुत गीत सुनाया. बेहतरीन शिल्प.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4105464615730234698.post-26628577395820962462009-08-05T16:48:45.244+05:302009-08-05T16:48:45.244+05:30हृदय यज्ञ-वेदी सा पावन, भावों की नित समिधाएँ हैं
आ...हृदय यज्ञ-वेदी सा पावन, भावों की नित समिधाएँ हैं<br />आहुति देकर जड़ताओं की अर्थहीन को क्षार किया है<br />==<br />बहुत सुन्दर भाव<br />बेहतरीन भाव्M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com